रोज मारे भातार निहो राके, रसकी गोरी बनाके
रोज मारे भातार निहो राके, रसकी गोरी बनाके
दे देले देहिया मेली सुना दारद,
बुझेन रसकी हमार मारद
देसी हाराबे, साया हाटाबे, छोएला मन पनियाके
रोज मारे भातार निहो राके, रसकी गोरी बनाके
आहु मैले
निहस्य चले यही निहम्सासु,
रारी नस्देल साया सक्खिनाया साया सारी,
माने न बाप दोरे,
धोरेला हाँ थोरे,
छोडेला हम्या कुरु राके,
रोज मारे भातार निहो राके, रसकी गोरी बनाके,
आहु मैले
पीकी बी पूले सक्कि करे परेसानोरे,
रािटर भाधिषना के वही पद्धीयानोरे,
खोडेला सील, बुझेना फिल, भीजन परे, मिसेज बेयाके,
अरुज माले भतर निहु राके फिर सक्षी घोली बनाके
आह पुक्ष माई रे
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