नमस्ति प्रडाम आप सबी के प्यार चुकें
और अश्ट्रिवात के प्रतिक्षा रहें
एक हमनी के नया फिर से आप सब के बीच
गाना पेश केल जाएं
ये गाना के भाव भाव
कि आजकाल जवन जमाना में हुआ रहा लबा
एक औरत के पती ही आपन इतना मीठ हो जाता
कि घर के सब लोग उकरा खातिर बेकार हो जाता
एक गाना के भाव और हमनी के टवला पे संगत कर रहा लबा नी
अदरी अजनी चाचा जी और बेनजुपी बड़े भीया
हरेंदर भीया जी आई ये गाना के भाव कबा सुनल जाओ
कि
मारद
मीठ मुदाई घार भार लागेला
कि अब ता सासुई के बोली या जहर लागेला
कि अब ता सासुई के बोली या जहर लागेला
या जहर लागेला
क्या बात है
या जहर लागेला लबता सासुई के बोली
या जहर लागेला
आपन या पन साभे करेला
सांज किसूई से नरापचलेला
अलगा होते लोग देखे फारा हार लागेला
अलगा होते देखे साभे फारा हार लागेला
या जहर लागेला कि अबता सासुई के बोली या जहर लागेला
अनकास चीकन बाकी
आपने में
मोट बाग
ठीकेत जदी बोगली में हाणोट बाग
अनकास चीकन बाकी आपने में मोट बाग
ठीकेत जदी तोहार बगली में हाणोट बाग
भावे गाम घर नहीं मन सहर लागेला
कि अबता सासुई के बोली या जहर लागेला
मारा मीठा मुदाई घार भार लागेला
कि अबता सासुई के बोली या जहर लागेला
कि अबता सासुई के बोली या जहर लागेला