उत्ते में तो होगो
मारते हम सगर
बुली मारी तो कोरी न दाया
ए बाबी मुर्मज़न बाई के बुझी हणा नाया
बुली मारी तो कोरी न दाया
उहाँ से रवाई के कोँपन का कोपरी
हाँ रांगा दार जबन बोलती ही जबरी
तो छटी में छो बुली मारते हम सगरी
देख खले नई खटू मोज़न वा के सान के मारी उतो के छोरा हवा पे बान के
का बुझला ए बाबु?
अरे तना सान के हो सुना
बोला
एक पार हमरा से भेट करवावा दंबात वकारा के सामने बुलावा
लेक पिस्तल घुमेलाए कोन हमरी
अरे हाई रांगा दार जबन बोलती ही जबरी
तो छटी में छो बुली मारते हम सगरी
एरिया में अपना मो सोले बाता बाही
ठाना में केहो ना ही दे ला गावाही
अरे डरे केहो ना बोले ला हो
अरे तो सुना हो
ए रोहिती अरुन के बान मामे हो काफी
आजाई लगे ता मांगे लगे माफी
जन हेरी बूता जीर दी है टमरी
अरे हाई रंगा दार जामन बोलती ही जबरी
तो छटी में छो बुली मारते हम सगरी
हाँ तो भेट कॉली हाँ
अरे तो बुलावा