Nhạc sĩ: Traditional
Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेवा
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेवा
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेवा
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेवा
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेवा
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेवा
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेवा
मनोजवं
आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं
आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेवा
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं
आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं
आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं
आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं
आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं
आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
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वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं
आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
वातात्मजं वानरिउत्मूथ्यं श्रीरामदूतं शरणं तपद्धेव
मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
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मनोजवं आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
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मनोजवं
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मनोजवं
आरुत तुल्यवेगं जीतेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्णं
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