कोई इश्क नुरब आखे
कोई इश्क नुरब आखे
हर जमना जो भी केंदा
रम्ज ये कोई भी समझ न पाए
करे जो तमना इसकी जान सेव जाए
रम्ज ये कोई भी समझ न पाए
करे जो तमना इसकी जान सेव जाए
नैनों के खुमारों को लूट ले बहारों को
इश्क तनहा चलता है ढूंडे ना सहारों को
मन का ये मोजी है करता ये रोगी है
दिल के सहराओं का बंजारा जोगी है
निचलनिया तेरिया मन मेरिया
छड़ यार जमाना जोगी केंदा
चुनव में तेरिया मन मेरिया
छड़ यार जमाना जोगी केंदा
आस तेरी जब से है मन को लगाई
चैन दिल का रातों की नीद है गवाई
आस तेरी जब से है मन को लगाई
आस तेरी जब से है मन को लगाई
चैन दिल का रातों की नीद है गवाई
जाने है लबों पे आई
छोड़ दो ये बेवफाई
सांसे थम रही है अब तो
मान जाओ हर जाई
ना आर दिवाना कर
ना कोई बहाना कर
या अपना कह दे तू
या सब से वेगाना कर
ना कर हे रफेरिया
मन मेरिया
छड़ यार जमाना जो भी केंदा
चनव मैं तेरी आम
मन मेरिया
छड़ यार जमाना जो भी केंदा
प्रस्तुति प्रस्तुति