मुर्ती सापी पुन गोविन्दना गाऊँ
सखीरी मारे श्याम शर्ण मा जाऊँ
सखीरी मारे
श्याम शर्ण मा जाऊँ
मुर्ती मनोहर आँख्योती हूँ
गडीन
अलगी राकूं
हो
डगले पगले
हरपड़ हरीना
धरशन
मीरस चाकूं
चर्णोनी रज माथी चरावी नेहननी रथी नाऊँ
सखीरी मारे श्याम शर्ण मा जाऊँ
स्वामी मारो
शामलियो हूँ रादबनीने राचूं
मानीगर
माधवने जोता मीरा थाईने नाचूं
सखीरी मारे श्याम शर्ण मा जाऊँ
उर्ना उशीके
राखी शामने
जितनी
चामर धालूं
हरशावेगन उना सूडे
शामना चर्णो पखालूं
जन्मम जन्म प्रान पृतम
सकार्णदासी तक आशा
तक्याफाईर करो खाफ़ होजाNEY?
मन मंदीरी ये मुर्ती सापी गुन गवित ना गाऊँ
सखी री मारे शाम शरन मा जाऊँ