Nhạc sĩ: Suresh Gola
Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
ओरे बोल लिया रे अपरम पार तेरी मायाओरे तुतके कर दे एक छन मेंओरे मन की सोची बनती कोण्या जो मानस के मन मेंअपरम पार तेरी माया रे अपरम पार तेरी माया तुतके कर दे एक छन मेंओरे मन की सोची बनती कोण्या जो मानस के मन मेंओरे इसी कड़ी पर इसी बजन पर खुश हो करके सो रुपे भाईराजकुमार जुनेज़ एंडीजे कैसिब कंपनी की निर्मात जो हमारे बीच में आज इस करिकम को भी रिकोर्ड अपनेकैमरे के द्वारा अपनी कंपनी में निकालने के लिए रिकोर्ड कर रहे हैंअरे मन्न में मती रावण में दिखित मन में सोची राउगे रावण विद्वान किस ус्तरука नमें ख्याला आ तुलेकरके मेट्रा पोर्ट मंधी शोची झावरी अंबर में पार्टी नों में और सब दुनिया आराम करेगी तो राघुन बनाऊंगामें fr wichtig,100 करोजल का दूर बनाऊँ मैंऔर ये जल की काई अजनी का दूआइसने दूर हटाऊँ मैंओ बाप से पहले मरेना बेटायो भी दुखे मिटाऊँ मैंओ बाप से पहले मरेना बेटायो भी दुखे मिटाऊँ मैंन्यू कहते कहते आगी मूर्चान्यू कहते कहते आगी मूर्चालागी आग शरण मैंये मन की सोजी बनती को न्याजो मान से के मने मेंमन की सोजी बनती को न्याजो मन से के मने में100 रुपए आदमी हैस्री चाचा हिसार हरियाना सेजो NDJ कैसेट कंपनी कीकिसी भी कैसेट कंपनी केपीछे आप देखते हैं तो लिखा एक फोटो लगा होता हैउसके नीचे लिखा होता है चाचा हिसारवो जो कि आज इस कारिकम को देखने के लिए पहुंचेछोड़ दा ताली से वरंदन हो जाईओर मन में सोची तरियोधर नेमन में सोची तरियोधर नेमंदर में आग लगाईऔर एक दम यगनीशिर पे चड़गीकोण्या पार बसाईबस्साईएकदम यगणी सर पर चड़कीकोणिया पार बसाईबेद खोलके देखने ला गयाएक गुपती मोरी भाईफिर छह जीव मरे जड़के नहीं उतरदुनिया देखने आईऔर एक सो एक भेट मैं देखेअगधी करी बचन मैंमन की सोची बन की कोण्या जो मानसी के मन मैंहुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआहुआरे मन में सोछी ini तस्रत ने सद्धी पंदिति लोगी बुलाएहुआरे राम को देत जिन राज दिति लक्हियो औरे संकमा करके यु मनें के चाहेराम को देत जिन राज दिति लक्हियो औरे संकमा करके यु मनें के चाहेऔर चरत भरत की मातान हुए तो बहल्या में बलवाएऔर चोधे साल का दिया दिशोटा खोटे वचन सुनाएउपर नीचे कदम नीचे रह गयाउपर चड़ा गड़न मेंमन की सोठी बन की कोढिया जो मान से मन मैंमन ची शोधी बन की कोढिया जो मन से मन मैंमन की शोथी बन की कोढिया जो मन से मन मैंऔर छोथी अंतिम कली में पंडिजी ने बिल्कुल शाफ तरीके से बता दिया कि नादान इंसान तू चाहे लाख सोच लेतेरी सोच तेरे तक शीमित रहेगी अगर तेरी सोच को पूरे करने वाला तो केवल ऊपर वाला है और छोथी अंतिम कली मेंछन में कंगला छम राज्या छन में कंगला समय निघानी चाहिए औरिया फाल करेंगे कर लेकर पाल ना लाइन चाहिए ऑरियापर नान है ऑर्डीपॉइस की ही चर्चना कदमुठे ठानी चाहिए और यह बाप सुनो चाहे बेटा सुनो इसीशोहमें गानी चाहिए बाप सुनो चाहे बेटा सुनो इसी सब हमें गानी चाहिएओरे कह लक्मी चंदे तुम समलो रे कह लक्मी चंदे तुम समलो रे बेला को हरी भजन मैंये बन की सोची बन की कोण्या जो मानस के मने मैंओरे अप्रम पार तेरी माया रे अप्रम पार तेरी माया तुम से कर दे एक छन मैंये बन की सोची बन की कोण्या जो मानस के मने मैं