प्रथम पूज गनदेव गजान
गणाधी पतये गनेश
गोरी लख्षिमी सश्वतीभू
वरून विष्णो महेस
मंगल कदा रे वालु,
बिघन मिचारे वालु
मंगल करावेवालू बिघन मिचावेवालू सुनिये गडे सभागवान।
पानी चाड़े, फूली चाड़े, आरी चाड़े मेवान।
अलडूअन के भोग लागे सांत कारे सेवान।
सांत करे सेवाजी, सांत करे सेवान।
पानी चाड़े, फूली चाड़े, आरी चाड़े मेवान।
अलडूअन के भोग लागे सांत कारे सेवान।
जनता के दुनिया जहान।
गावता निराऊरे गुनगान। गुनगान जी। गावता निराऊरे गुनगान।
माता पारे बाती पीता हूँ अन्महेश जी। असब देवतों मेरो आबानी विशेष जी।
आबानी विशेष जी। आबानी विशेष जी।
माता पारे बाती पीता हूँ अन्महेश जी। असब देवतों
मेरो आबानी विशेष जी। हत्य जोड़ी करीला धेया।
गावतानी राहूर घुनगान। घुनगान जी।