मन वृन्दावन बस जा शाम को पाना है
मन वृण्दावन बस जा शाम को पाना है
राधे राधे की रटन लगा शाम को पाना है
मन वृण्दावन बस जा शाम को पाना है
मन वृण्दावन बस जा शाम को पाना है
यमना किनारे
कुञ्ज लतन में
सेवा कुञ्ज की लतन पतन में
कभी चुपके से उसको बुला
कभी चुपके से उसको बुला
शाम को पाना है
मन वृण्दावन बस जा शाम को पाना है
कजरारी आखों वाला
वो ब्रज का ग्वाला
गवए चराने वाला
नटखट निराला
कज़रारी आखों वाला वो ब्रज का ग्वाला
उसकी सूरत को दिल में बसा
शाम को पाना है
मन वृंदावन बस जा शाम को पाना है
मन वृंदावन बस जा शाम को पाना है
राधे राधे की रटने लगा शाम को पाना है
संग में किशोरी जी के जोड़ी सुहानी
बावरा के दिल की
यही है कहानी
संग में किशोरी जी के जोड़ी सुहानी
अपनी हस्ती को खुद ही मिटा शाम को पाना है
मन वृंदावन बस जा, शाम को पाना है
मन वृंदावन बस जा, शाम को पाना है
राधे राधे की 你कांँज य़ो टाइने लगा शाम को पाना है
शाम को पना है