Nhạc sĩ: Mohit Sharma | Lời: Mohit Sharma
Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
औ!
रै साधो!
पूराादरित कानदी कानधी कादी!
सुनो भाई,
मन के भीतर जोति जगा
नाम बिना सब जूत भागा
धीरे धीरे...
धीरे धीरे...
मन के भीतर जोती जगा...
मन के भीतर जोती जगा...
नाम बना सब जूठ भगा...
भीतर हि शाजन बसे है...
काहे बहर दूने जगा...
मन के भीतszych...
जौती जगा...
ना मनगिर में...
ना मस्जित में,
ना काशी,
ना वाका में
जिन खो जातीन पाईयां भीतर ही दरस दिखा
भीतर ही सच्चाराम है
दॉलत और शोहरत भी शण भर में खो जाएगा
कभीर कहे धन का क्या भड़ोसाँ शण में रेत हो जाए
नाम ही सच्चा धन है साधो बाकी सब मिट जाए
मन के भी तेर जोती जगा
मन के भी तेर
जोती जगा
नाम ही सच्चा है
बाकी सब छलावा
सांस सांस में नाम समाओ भीतर ही दरस पाओ
धन मिट्टी का सांसे
थोड़ी जोती जाए
जीवन का क्या गर्व करे
जो छोड़ दे छूटा मोह यहाँ वही भवसागर पार करे
मन को भीतर टिका ओ प्यारे नाम का जप लगतार
जप ते जप ते मिल जाएगा सत्य अनंत अपरंपार
लगता रूप रंग सब धल जाएगा यावन पल में मिट जाएगा
केवल नाम आमर रहेगा वाकी सब चण हो जाएगा
मन के भीतर जोती जगा
मन के भीतर जोती जगा
ना तिलक से ना जप माला से
आहरी चोले से सच्चा साधक वोही मिलेगा
जिसने भीतर राम संभाले
कबीर कहे अंधे न बनू अंधविश्वास में खो मत जाओ
भीतर देखो भीतर खो जो सत्य वही पर पाओ
मन के भीतर जोती जगा
अरे रे साधो
नाम ही साथी है
नाम ही जीवन है नाम ही सहारा है
भीतर जोती जगा
अरे साधो
सुनो भाई
मन के भीतर जोती जगा
नाम बिना सब जूत भगा
धीरे धीरे
धीरे धीरे
धीरे मन के भीतर जोती जगा
मन के भीतर जोती जगा नाम बिना सब जूत भगा
नहीं साजन बसे है काहे बाहर
ढूंढे जगा
मन के भीतर जोती जगा
मन के भीतर जोती जगा
नाम बिना सब जूत भगा
ना मंदिर में ना मस्जिद में ना काशी ना मक्का में
जिन खो जाती न पाईया अली तरही दर्स दिखा
ओ साधो बाहर ढूंढे मत्रे भीतर ही सच्चाराम
है भीतर जो दीपक जला वही अमर सुखधाम
मन के भीतर जोती जगा
मन के भीतर जोती जगा
सोने चांदी सब मिट जाएगा
नाम ही सच्चा धन है साधो बाकी सब मिट जाएगा
नाम ही सच्चा है बाकी सब छलावा
सास सास में नाम समाओ भीतर ही दर्स पाओ
जपते
जपते मिल जाएगा सत्य अनंत पुरंपार मन के भीतर जोती जगा
रूप रंग सब धल जाएगा यौवन पल में मिट जाएगा
केवल नाम अमर रहेगा बाकी सब खशणिक हो जाएगा
जब यावन भी
जूता राम निरंतर सच कहलाएगा
जो साधो उस नाम को पाएगा वही जीवन सार बताएगा
मन के भीतर जोती जगा
ना तिलक से ना जपमाला से
ना बाहरी चोले से
सच्चा साधक वही मिलेगा
जिसने भीतर राम संभाले
कभीर कहे अंधे न बनो अंधविश्वत में खो मत
जाओ भीतर देखो भीतर खो जाओ सत्य मही पर पाओ
मन के भीतर जोती जगा
जोती जगा