कवना जनम आके साजा मिल रहल बाँ,
काहे विपति आके पहाड तूट रहल बाँ
दोशी की मानी
के भूके
खून में बाल बाँ,
मलाल बाँ, मलाल बाँ, मलाल बाँ
दर्द बाँ, दुस बार बाँ,
नफ़रत की काला बदार बाँ,
जिंगरी बेहाल बाँ,मलाल बाँ, मलाल बाँ,मलाल बाँ,
भर्जनी भवला के साजा हम के मिल गये
धिवड के बती हैं हम ये सला बेचढ गये
हमें सला बेचढ गये
बिगडले के कर रहनी जे हामर बिगड़ गये
सो चल सारा सपना हामर बेखर गये
हमर बेखर गये
मर जाई खाके
जोरीया हो
आवत अब
खयाल बाँ
मलाल बाँ
मलाल बाँ
मलाल बाँ
जिन्दगी बेहाल बाँ
मलाल बाँ
राजनिती पासा के बानी सितार हम जितना ही पाई बजाईग लागातार हार हम
चिरई के खोताया बचड से उखान गये
पाथर के मुर्ती पे जखमी रागण गये
जखमी रागण गये
मलाल बाँ
कवना जनम आके साजा मिल रहल बाँ
काहे विपतिया के पहाड तूट रहल बाँ
कोई सिती मानी
पे भूके खूद मिल
बाल बाँ
मलाल बाँ मलाल बाँ मलाल बाँ
मलाल बाँ मलाल बाँ
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