मल्मल का पुरता है जोबन पे रात है सावर्या समझे का फिर कोई बात हैमल्मल का पुरता है जोबन पे रात है सावर्या समझे का फिर कोई बात हैमल्मल का पुरता है जोबन पे रात है सावर्या समझे का फिर कोई बात हैमल्मल का पुरता है जोबन पे रात है सावर्या समझे का फिर कोई बात हैमल्मल का पुरता है जोबन पे रात है सावर्या समझे का फिर कोई बात हैसावर्या समझे का फिर कोई बात हैमल्मल का पुरता है जोबन पे रात हैसावर्या समझे का पुरता है सावर्या समझे का फिर कोई बात हैलगता है जैसे के आज शब रात है सावर्या समझे का फिर कोई बात हैमल्मल का पुरता है जोबन पे रात है सावर्या समझे का फिर कोई बात हैआरिया समझे तो फिर कोई बात है।