सच ही तू या मैं जूटा उनकी करना
तेरे नाली में बैठा उनकी करना
मेरी आँखों में देखो तो
फुझ ही समझ जाना
लबसे ना निकला जो तो दुलकी सुन लेना
तू एक ही तावे मझबूर
केर ना पाऊं तुझे से दूर
मेरी गल सुनने थे बैठूर
आपका ही कहना बनता कहतो ना मैं शरमा के कह दूँगी मैंने भी दिल दिया
आँखों आँखों का मसला अच्छा दा अब लेजो उपना बना के मुझे मेरी जान
तू एक ही तावे मझबूर केर ना पाऊं तुझे से दूर
मेरी गल सुनने थे बैठूर
दू एक ही तावे मझबूर
मेरी गल सुनने थे बैठूर