एक एक अलग समाँ में पढ़ होनी जाया
एक एक अलग समाँ में पढ़ होनी जाया
मिले खति आईल रौवा कोईया
मज़नु आख महरोज जोनी सोईया
परोतानी पोईया
मिले खति आईल रौवा कोईया
मज़नु आख महरोज जोनी सोईया
इह का कोई लूःह ये भाऊँजी
यह का कोई लूःह ये भाऊँजी
नई हर केई यार कोई बुलाईर लूँ hah
नई हर केई यार कोई लूँ hah
तुरा भाई देल हो
प्यार का के बोला कावन कोई नी कसूर हो
मारे लाई ऐसे जैसे दिहे दे बतुर हो
प्यार का के बोला कावन कोई नी कसूर हो
मारे लाई ऐसे जैसे दिहे दे बतुर हो
बनो ना आता नी पसईया
कहे बनी गैला नी रदएया
मौज़ानू मारा जोनों चिसईया
पर तता नी पहईया
मौज़ानू मारा जोनों चिसईया
पर तता नी पहईया
हम तोरो बात मारो थे नी
नई हर में जोन कोईले कोईले
है सास्तुरा में काहे ना महसवावतार हमार बताओ तो
भावजी खेलाडा बिया
रखले इया रभिया
एक करे से करता इसका वीसका नूँ हो
भाईयो से बिया चर सोबी सो नूँ हो
ना चुप रह बजाए एकदम खतमे बजाए
चल भागी जा से
पियाए से केरी गलती बढ़ूए हमार हो
यारा वाके मार जनी मुअली के मार हो
अनि तारी तेज गलती बढ़ूए हमार हो
यारा वाके मार जनी मुअली के मार हो
ना ही दा बार
ना ही दा बार
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