कौना मज़नु पकरेलु बड़ायी हो
धुन्गोलावाना हम फरियाइ हो
पवानर तक्ति छल जाए
कौना मज़नु पकरेलु बड़ायी हो
धुन्गोलावाना हम
फरियाइ हो
इह सुनी के उतात पिरिबा
माज़नु आहार बिरिबा
जाति के बापो अहे रेबा
माज़नु आहार बिरिबा
जाति के बापो अहे रेबा
सागरी स्टूडियो, नेका डोना
बड़ायो इतिके बुलो तारु भाव मे
ना रोहे ना कावणाऊ गाउने
भेताई तो जाने से चल जाए
अच्छा बापु तुरो तो उपगरणी जाने हो
जादा बुलो तो दुली मारे हो
बुलाका समस्यागो भी रिबा
माज़नु आहार बिरिबा
जाति के बापो अहे रेबा
माज़नु आहार बिरिबा जाति के बापो अहे रेबा
उस्यो परेम के तुलेका रुहालाका खोरंगदार भापबी ओ बालाका बुलाओ
काहे मुआबाका अरे रमाया के लागे छड़ो न जति तुर दिदो गाखे छपिके बति
तब तो रोहेती कही उस्यार बाँ माज़नु आहार बिरिबा
जाति के बापो अहे रेबा
माज़नु आहार बिरिबा
जाति के बापो अहे रेबा
बच्छो के लागे लो
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