एभावजी
बोली
सुने गो बात बात
हाँ
हाँ
हाँ
हाँ
हाँ
हाँ
हाँ
पलिकी इदा कोई तरी
सोही में सुन
भावजी भावया के महम देखा बाध गयल बाध
बगल बाली से फ़़ण के विगर गयल बाध
विगर गयल बाध
ये कहत रहे ता हमाँ डटनी
कोई अमरा सुन्यात चतावे हाँ चतनी माझा मारे भातर कतनी
अहो!
खाड़ से जीवां पतर पे
धुराम पतनी माझा मारे भातर कतनी
आई हो दादा चाह!
कौमन होरा जया भर्म दिया हम असले हमारा मरोड के उपा ते अमसले
अच्छा?
जान जाइव जयी आतो जो ताओ फारलेव
शावन भुईया के भौवजी समाझादा
बलकोईले बारीतो सरजादा
पाउन कोहे तोरा काने बाता पतनी
कौमन होरा सुन्यात चतावे हाँ चतनी माझा मारे भातर कतनी
खाड़ से जीवां पतर पे धुराम पतनी
माझा मारे भातर कतनी