मोहन्या
कनिते वुद्ध समझाई रे इदिया
सपना हाथे वरुद्धुना सुनाई
करिता बाह सुनु धरी के बाह वने
चाहे लुटल माझा भगवाई के
करिता बाह सुनु धरी के बाह वने
चाहे लुटल माझा भगवाई के
कनिते वुद्ध समझाई रे इदिया
सपना हाथे वरुद्धुना सुनाई
रागवायो पीर लेके घोंस लमूँ हैं
कहाला में लाज लगे कोही कोही से तो हैं
पाऊर बारहन उकर ताँनी नां सोहाला
हमारा तो हैं दीदि पहाकले बुझहाला
रागवायो पीर लेके घूनस लमूँ हैं
कहाला में लाज लगे कोही कोही से तो हैं
पाऋर बारहन उकर ताँनी नां सोहाला
हमारा तो हैं दीदि पहाकले बुझहाला
लमर पिछकारी लेके डाल देता रंग ओमे
रंग निकले खोली बटू आहसे
तॉन्हीं देहुं समझाई रे दीदिया
आपना हाथे वरो तुलर उआके
तॉन्हीं देहुं समझाई रे दीदिया
आपना हाथे वरो तुलर उआके
हुलि मनाई हैं हमसे रहेले गुसाई के
बोले दिए धावा हम्पे याकले में
पाइके भूल बदी कत डरो लाकि अमरो
दिन्हे मिलाई रंग देह्या मेंश़ं कारो
हुलि मनाई हें ہमसे रहेले गुसाई के
बोले दिए धावा हम्पे याकले में पाइके
भूल बदी कत डरो लाकि अमरो
दिन्हे मिलाई रंग देह्या मेंश़ं कारो
प्रेमचंद राज गुटो मानेला नाही कुछो
लेके आईले घरे लफ़ आके
कनि देहूं समझाई रे दिडिया अपना हाथे वरु दुलर लाके