प्रेम से बोली सच्चे धर्मार की
जय जय मईया
जय जय मईया
लागे लाणी मिये नीचे देबी
धर्मार हो
की जुम जुम जुले जुला नवा मैया जी हमारो
की बोहे जीरी जीर सीतल अबयार हो
क्ी जुम जुम जुले जुले नवा मैया जी हमारमो
अग में अगो चरहाई आति शुकवारी
ओ नवों से पातर फुल से कोमल महतारी
कि जटने कोमल
उतने हाई अंगार हो
जग लाया चल में जग
पले पार प्यार हो
सत्वि श्वरूपा से ही चले संसार हो
ताया यक्यन से बहे नेहधार हो
कि नज्या कोबिंद विशेक के लावेली किनार हो
जुम जुम चुले जुलनमा मैयाती हमार हो
कई जुम जुम चुले जुलनमा मैयाती हमार ओ
जुम जुम जुले जुला नवा मईयाती हमार हो