बोला बोला खिरिकिया वाली मैया के
आज मैया आई है घाड़े भर काटा
बोरे बोरे देखनी सपना कर सपनिया धर काटा
आज मैया आई है घाड़े वेही से अखिया भर काटा
आज मैया आई है घाड़े वेही से अखिया भर काटा
आज मैया आई है घाड़े
आज मैया आई है घाड़े वेही से अखिया भर काटा
गईया के गोबरा से आंगा ना लिपाईनी
चोका चा ना नावा हो सब हम कोईनी
अहिरु के घारावा से दुधावा मंगाईनी
मैया लच्छ पन भोग बनावाईनी
लोड़े भोड़े फुल मलिनिया
देखी के अड़ाउल चह कोता
आज मैया आई है घोड़े
एही से अखिया भर काता
अज मैया आई है घोड़े
एही से अखिया भर काता
अज मैया आई है घोड़े
अज मैया आई है घोड़े
जब उसे मैया के देखला स्लाया नावा
का कोही राजा बाड़ा खुस बावे मनावा
बिजे बहार पिया चली ना बहानावा
चली खिरी किया का रादी दारा सनावा
रमे सरंजन करे पुजनावा
देखी के मनावा तरसाता
आज मैया आई है घारे एही से अखिया भरकाता
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