पेरा ये मन गबराए
खुली वादियों में खो जाए
के मैने भी देखे तो सारे नजारे मिलाए तम से
हम दोनों के किस्से है कई पुराने वक्ति समझे
के खुद को खो के भी जो पाया है वो तेरा ही एक साया है
अब तो हो गया मैं हूँ फाना
के मुझ को केदे तुझ को है कबूल तेरे बिन जीना है फजूल
बाहों में तेरे गुजरे जो रात मैने जी लिया
मैने जी लिया
मैने जी लिया
मैंने जी लिया
मैंने जी लिया
मैंने जी लिया
तिरा भी ये मन
पुछवाए तुछ से
देखे थे जो ख्वाँ
मिलेंगे मुझसे
पर तु ये ना जाने
तु चब भी शर्माए
तो दिल ये पिगले
के तेरी ये नाँखो
में दिखे शराई
तो दिल ये कहे
के खुद को खोक भी जो पाया है
वो तेरा ही एक साया है
अब तो हो गया मैं हूँ फाना
के मुझको केद तुझको है कबूल
तेरे बिन जीना है फजूल
बाहों में तेरे गुजरे जो रात
मैंने जी लिया
मैंने जी लिया
मैंने जी लिया
मैंने जी लिया
मैंने जी लिया
मैंने जी लिया
मैंने जीनिया