बोलिया बबा मोहनराम की
जै
नो में शीष जुपाया के के के रोज तेरा ध्यान धारते हैं
याद सुभो शाम करते हैं
मैं तेरे दर पे आया अरे चर
नो में शीष जुपाया के के के रोज तेरा
ध्यान धारते हैं याद सुभो शाम करते हैं
याद सुभो शाम करते हैं
तेरा मेरा जनम जनम का नाता है
मैं शेवक तेरा तू मेरा दाता है
तू मेरा दाता है
तेरा ध्यान धारते हैं याद सुभो शाम करते हैं
है
तू में हो अंतर यामि
तुम्हें सब बेरा है
जो कुछ
मेरे पास
दिया सब तेरा है
अंदावज्जागीर न चाहिए ये जूटा अटफेरा है
गोती नाती पुतं कभीला मोह माया का घेरा है
जूटा चाल रचाया रचाया रचाया
मैं तेरे धारे पे आया अरे चरिणो में शीशी जुकाया
के के के रोज तेरा ध्यान धारते हैं
याद सुभो शाम करते हैं
रोज तेरा ध्यान धारते हैं
मेरे दिल में किशी चीज की इच्छाना
दे कर के परलोभन लेओ परकीशाना
मैं हुदाते चरिणो का तेरी छकर छाया है
मनमंदिर में है बाबाजी प्रेम से मुझे बसाया है दिल में तुही
समाया समाया समाया मैं तेरे धारे पे आया अरे चरिणो में शीशी
जुकाया के के के रोज तेरा ध्यान धारते हैं याद सुभो शाम करते हैं
रोज तेरा ध्यान
धारते हैं याद सुभो शाम करते हैं
तेरे ध्यान में खोया रहता बारा मा सुनो
एक छोटी शीविनती है अरे दासे सुनो
और नहीं कहिए बाबा अपना मुझे बना जाओ
दास तेरा हरे राम बैसला आके दरस दिखा जाओ
विनोत ने भजण सुनाया मैं तेरे धर पे आया अरे चरिणो में सीछ जुकाया
के रोज तेरा ध्यान धारते हैं याद सुभो शाम करते हैं
मैं तेरे धर पे आया अरे चरिणो में सीछ जुकाया के
रोज तेरा ध्यान धारते हैं याद सुभो शाम करते हैं
के रोज तेरा ध्यान धारते हैं याद सुभो शाम करते हैं