बोलिए गोगाजी महराजी की जैहे बोल गुरु गोरखनात महराजी की जैहे बोल सक्षे दर्वारी की जैहे
आये प्रेमी भग्जनों बाबा गोगाजी महराज के श्री चर्णों में एक भगतनी अरदास करती है
के बाबा मैं तेरे दर पे आओंगी तेरी जोती जगाओंगी
अपने पिजा जी से नियू कहने लगी के मैं बाबा गोगाजी महाराज के
दर पे जाओंगी और बाबा से अपने सारे कश्ट मिटवाओंगी
अपने पिजा जी से एक बात के माध्यम से क्या कहने लगी
आईए इस भजन को सुनेंगे आप एंडीजे म्यूजिक कम्पनी के माध्यम से
जिसको गाया है भाई बिर्जे सोहरकाने
किस तरह से अपने पियाजी से क्या केने लगी सुनेंगे भजन के माध्यम से
मैं तो मेड़ी धोकन जाओंगी आज बलम मने मत रोके
मैं तो मेड़ी धोकन जाओंगी आज बलम मने मत रोके
सब के घट का खोले ताड़ा
सब के घट का खोले ताड़ा
बड़ा बल साली मेड़ी आणा
मैं कोन के दर्शन पाओंगी आज बलम मने मत रोके
मैं तो मेड़ी धोकन जाओंगी आज बलम मने मत रोके
मैं को मेड़ी धोकन जाओंगी आज बलम मने मत रोके
गत रेवा के हैं वो राजा
गत रेवा के हैं वो राजा
बजता वहाँ धरम का बाजा
मैं तो चोकी वहाँ जगाऊँगी
आज बलम मने मत रोके
मैं तो मेरी भोकड जाऊँगी
आज बलम मने मत रोके
मैं तो मेरी भोकड जाऊँगी
आज बलम मने मत रोके
गव माता के वो सेवत प्यारे
मां बाथल के राज दुलारे
मैं तो चर्णों सीख जुकाऊंगी
आज बलम मने मत रोके
मैं तो मेरी भोगन जाऊंगी
आज बलम मने मत रोके
तास के लास भी बजन बनावे
तास के लास भी बजन बनावे
सुबे शाम धर दर पे आवे
मैं तो गीत खुशी के गाऊंगी
आज बलम मने मत रोके
मैं तो मेरी भोगन जाऊंगी
आज बलम मने मत रोके
मैं तो मेरी भोगन जाऊंगी
आज बलम मने मत रोके
मैं तो मेरी भोगन जाऊंगी
आज बलम मने मत रोके
मैं तो मेरी भोगन जाऊंगी
आज बलम मने मत रोके
करते हैं
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