मैं हूँ हिमाले परबतमैं हूँ हिमाले परबतनजरों से देखा बहुत कुछ है मैंनेबदलते हुए रहनेरंग जमाने के मैंनेमैं हूँ हिमाले परबतबहुत ही पुरानाखबर है मुझकोदेखा है मैंनेजमानाये जन्नते कश्मीर थीपानी ही पानीतूफानी लहरों कीभर सूरवानीरहते थे चोटियों पेपिशाच और नाअजब उनका रहनाअजब उनके रातवादम लारवादम लारअचानक देव खतरनाकखाने लगा उनकोबरसाने लगाहट गया एक पहाड पानीहो गया जारीजमी आई निकलगुल्जारीआर हुई वादी सारीमैं हूँ हिमाले परबतमैं हूँ हिमाले परबत
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