सुनो भी सुनो
लीजे ये रागनी आपकी सेवा में लैला मजनू की इतिहास से होगी
और बात उस मौफ़ केसे महरवानों
लैला और मजनू पर ये पापंदी लगा दी कि
तुम दोनों एक दूसरे से नहीं मिल पाओगे
तो इसकुल जाना भी बंद करवा दिया था और उदर से कैस
को गाउं छोड़ कर बाहर जाने के लिए एलान करवा दिया था
पाफी दिन हो गए थे दुफेर का वो मोशंब शांत
वातावरन सभी लोग लुगाई आरां कर रहे थे
तप्तिवी धूप में वेलेला
अपने उपर खड़ी हुई है और मजनु की बाट निहा रही
है कैसे अपने सब्दों के द्वारा क्या धाक रही है
आईए सुनिये इस रागनी की द्वारा सारा हाल
मैं बैठी बाट देखरी
वा कब सी शकले दिखावे
मेरी रात कड़े कोन्या मुझे मजनु याद आवे
मूझे मजनु यद आवे
मेरे कदमे आँग लगाई वहाँ कितसी कैसे छुपावे
मेरी रात कटे कुण्यां मुझे मजनू याद आवे
में धडकान न्यारी करदी में धडकान न्यारी करदी
तो एक बैसानी दिकाजा
में बैठी बाट दे करी वह कब सी शकल दिखावे
मेरी रात कटे कुण्यां मुझे मजनू याद आवे
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