आईनों में आपस बनकर तूटते रह जाएंगे
तुझ से हम बिच्छे तो खुद को ढूंडते रह जाएंगे
पढ़ने वाले पढ़ते जाएंगे किताबें और हम कावजों की किर्चियों को जोडते रह जाएंगे
मैं
बहुत दूर
चला जाओंगा
मैं
बहुत दूर
चला जाओंगा
भूलने वाले तुझे याद
बहुत याओंगा
मैं कहीं दूर
बहुत दूर
चला जाओंगा
मैं कहीं दूर
बहुत दूर
याद हुआ था
तक में
मैं जिन्नी के नामी के नामान को जाऊंगा
कुलिंगा तुझेजते तेरी तक शिर्व उधुनिक और तुझे जी आत से बचर रती हैं
शहरियत अपना रही तुझसे बिछर करें मेरी
शहर भी तेरे मुसाफर की तलायां आओंगा
शहर भी तेरे मुसाफर की तलायां आओंगा
मैं कहीं दूर बहुत दूर चला जाओंगा
मैं कहीं दूर बहुत दूर
मैं कहीं दूर बहुत दूर
मैं कहीं दूर बहुत दूर चला जाओंगा
मैं कहीं दूर बहुत दूर चला जाओंगा
मैं कहीं दूर बहुत दूर चला जाओंगा
मैं कहीं दूर बहुत दूर
मैं कहीं दूर बहुत दूर चला जाओंगा
मैं कहीं दूर बहुत दूर चला जाओंगा
मैं भी सहराओं में तलभा कहीं खो जाओंगा
मैं भी सहराओं में तलभा कहीं खो जाओंगा
मैं कहीं दूर बहुत दूर चला जाओंगा
मैं कहीं दूर बहुत दूर
उसके जब दिल का जमन होने लगेगा इश्रक
उसके जब दिल का जमन होने लगेगा इश्रक
बार पहोमाने में भून examine पर लारख वंडर बात में सहायतं पर नकःत
बारिशों में भी लबू दिल का मैं परसाओंगा
मैं कहीं दूर बहुत दूर चला जाओंगा
भूलने वाले तुछे याद बहुत आओंगा
मैं कहीं दूर बहुत दूर चला जाओंगा
आजाओंगा मैं कहीं दूर बहुत दूर
करते हैं