हर हर महाधेव
हर हर महाधेव
शंकर जी की मस्ती में होया हूं में मस्त
कब निकले हैं सुर्या जी और कब होगे आस्त
मुझकों तो कुछ पता नहीं मैं शिव में हूं बस खोया
मैं जब से शिव का होया
कोज कोज गर हार गया हूं पोचा हूं हर मंदिर
जब ज्ञान हूं तो पता चला ये रहते कंकेDown
ये रहते कंकेDown
कोज कोज गर हार गया हूंपूंचा हूंहर मंदिर
जब घ्यान हुआ तो पता चला ये रहते कन कन अंदर
मन का खेट की आती यार
बीज ओम का बोया
मैं जब से शिव का होया
कहीं बिरक पे हुप आगौरी, कहीं पे हुप निराला
कहीं बने संगारी है ये, कहीं बने रखवाला
कहीं बने रखवाला, कहीं बने रखवाला
कहीं बिरक पे हूप आगौरी, कहीं पे हुप निराला
कहीं बने संघारी है ये, कहीं बने रकवाला
शुन्याई खोजो शिम मिल जाए,
शुन्याई खोजो शिम मिल जाए
शुन्याई शिम में खोया,
मैं जब से शिम का होया,
मैं जब से शिम का होया
मैं जब से शिम का होया, मैं जब से शिम का होया
मैं जब से शिम का होया, मैं जब से शिम का होया
मैं जब से शिफका होया