इस बार जब सनंबर सात होगे
तुझसे मेरे हम्दं मुलाकात होगी
इस बार जब सनंबर सात होगी
तुझसे मेरे हम्दं मुलाकात होगी
जो किया था तुझसे वादा
तेरी कसंद निभाऊँगा
तुम छत पही रहना
मैं बारिश बंगे आऊंगा
तुम छत पही रहना
मैं बारिश बंगे आऊंगा
तुम छत पही रहना
मैं बारिश बंगे आऊंगा
दिल की जमील होगी ये नम
जितना कहोगी बरसेंगे हम
जानम बरस जाएंगे
प्यासे लबों पे तेरे
खुद को भिगो लेना
बाहों में आके में
बन के हवा में तेरी
खुश्बू को चुराऊंगा
तुम छत पही रहना
मैं बारिश बंगे आऊंगा
तुम जाएगा लमहा कही
खो जाएंगे हम तुम कही
मजरे मिलंगी जबी
कितनी शिकायत होगी
होगा मिलनी सुबार
रभ की इनायत होगी
होगी तमन्ना पूरी
खुआब तेरे मैं सजाऊंगा
तुम छत पही रहना
मैं बारिश बंगे आऊंगा
तुम छत पही रहना
मैं बारिश बंगे आऊंगा