रऊवे कीरी ए बोहोतानी हम
उमे विकोली का है राज़ा ये?
धेर दिन सहानी अब नहीं सहाव,
आवतानी रोजे पिके अमाजी से कहाव
आवतानी रोजे पिके अमाजी से कहाव
धेर दिन सहानी अब नहीं सहाव,
आवतानी रोजे पिके अमाजी से कहाव नाँ,
अब चुप रहाँ
रहन रही,
रहन रही, इहे चति तो हो उठब डाल के, कीरा
सन्देहिया जर जाई,
पियल ना छोडब तो कुछो कर जाई,
ए राजा कहियो माहुर खाके मर जाई,
पियल ना छोडब तो कुछो कर जाई,
डूबी
धोंसी जाईब चाहे हो सरी लगालेब,
संभीना रहाब हो भले,
धके डोहरीनाई अरगे हम छल जाई,
पियल ना छोडब तो कुछो कर जाई,
ए राजा कहियो माहुर खाके मर जाई,
पियल ना छोडब
दखुछाओ कर जाई
ए राजा कहियो मा हुर्खा के मर जाई