स्यानो थी कुझ सोच पिरी
अथाई
साडोलो संसार ओ नथी नधिडो तुबार पांधी खान जमाले चैच
मानुवदा थी मुनाफिक कुझ सिख नाभार नाही
पजन परावन के, मित्र माई त्रन के, दोस्त दुश्मन के
पजन परावन के, मित्र माई त्रन के, दोस्त दुश्मन के
पजन परावन के, मित्र माई त्रन के, दोस्त दुश्मन के
पजन अखिन में रख कुझ सिख नाभार नाही
मानुवदा थी मुनाफिक कुझ सिख नाभार नाही
चैचैतोखे तकीप्यो माया,
किये भलातोखे समझाया
चैचैतोखे तकीप्यो माया,
किये भलातोखे समझाया
मुझी बुद्धी नतोखिक, कुझ सिख नाभार नाही
मानुवदा थी मुनाफिक, कुझ सिख नाभार नाही
तूथोवनी रुबपंझीरे दिलते, मानुपंगल थै वडी मंजिलते
तूथोवनी रुबपंझीरे दिलते, मानुपंगल थै वडी मंजिलते
खिली खिली दिन्दै धक, कुझ सिख नाभार नाही
मानुवदा थी मुनाफिक, कुझ सिख नाभार नाही
वांधी जमाली कुझ ख्याले कंदो करे,
कैसा ना दिले जो तुहाल कंदो करे
वांधी जमाली कुझ ख्याले कंदो करे,
कैसा ना दिले जो तुहाल कंदो करे
पःजैन्वप, परावनखे, मितर, मायत्रन, सनके
پہنچے اکھن میں رکھ کچھ سکھ اینجا بار نہ ہی
مہنو ادا تھی منافق کچھ سکھ اینجا بار نہ ہی