तेरे ही
यादों में
रहता हूं मैं डुबा
बाते ही
तेरे करता हूं मैं
सामोवारु सुभा
तुम सा हसी
है ना कोई
ना है कहीं दूसरा
त्यारू तुम्हे
करता हूं मैं बे इंतिइधा
माही माही माही
माही माही माही रे
माही माही
माही माही
माही
माही माही
माही
माही
माही
माही
माही
जब हूँ मैं तुम से मिला
तुम पे ही मरने लगा
चलते चलते ही खावों में तेरे
मैं तो खोने लगा
जब हूँ मैं तुम से मिला
जब हूँ मैं कुछ
ये बाक से रहा घहना बचˆ,
और मुस्ताने,
जो बचाने जरोंक रफ रही,
ऑल में
मैं तो
मैं अनुभाव से भुर होता.
माही
इसामुजन करतेया?
माही माही माही
माही माही माही
माही माही माही
रबुने ही तो लिखा है
तेरे
मेरे रिस्ता
तेरे लिए
लिख दू मैं
मेरा ऐसारे जहाँ
रबुने ही तो
लिखा है
तेरे मेरे रिस्ता
तेरे लिए
लिख दू मैं मेरा ऐसारे जहाँ
माही माही माही रे
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