हाथ त्रिसूल लिये मेरे भोले गले सर्प की माला
डमो डमो डमोरी बाज़ाये हर डम सब कहें डमोरू वाला
अग़ें वाला कहेन सवाला
हाथ त्रिसूल लिये मेरे भोले गले सर्प की माला
कालो के कालो महाकालो है दिनो लोक के स्वामी
देव के दिवानी महादेव के दिवानी
हाँ मैं हूँ महादेव के दिवानी
धुआ धुआ रहे गैलास पे ऐसी चीलम पीते हैं
भंगीया खाते हैं और भंगीया
और भंगीया सहा जीते हैं
हां मैं हूँहुमहादेवकी दिवाणी
देवकी दिवानी महादेव की दिवाणी
वो बुरि स्रिष्टी न चाते हैं
वो बुरि स्रिष्टी न चाते हैं
द्रीलो की कहलाते महादेव
दीनो लोक चलाते हैं
हाँ मैं हूँ महादेव की दिवानी
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