मांगी थी दुआएं चाहत की हक में आई बेवफाई हक
रो रो के दिल ये मेरा अब देता यही दुआई है
मांगी थी दुआएं चाहत की हक में आई बेवफाई है
रो रो के दिल ये मेरा अब देता यही दुआई है
जाने के मेरी मानेगी
जाने के मेरी मानेगी
जाने के मेरी मानेगी
लगता ये दर्द जुदाई है लगता ये दर्द जुदाई है
माँगी थी दुआए चाहत के हत में आई बेवफाई है
मेरी बेखरारियों की वो ही दवा थे
वही मन्नते मेरी वो ही दुआ थे
जो नजरे मिला के दिया इश्क दावत
वो नजरे फिरा के
बढ़ादी है नफरत
है बेटावी दिल में
और बची तनहाई है जाले के मेरी मानेगी
लगता ये दर्द जुदाई है लगता ये दर्द जुदाई है
मांगी थी दुआएं चाहत के हट में आई बेवफाई
मेरी ख्वाहिशों की मन्जल वही थे
शामों सहर में सदा शामिल वही थे
जो सासों की धुन्पे मेरा नाम थे रखते
वो गैरों की तरहा बनके हैं रहते
रस्में वफा सब भूले
कैसी ये बेहयाई है जाले के मेरी मानेगी
लगता ये दर्द जुदाई है
माँगी थी दुआएं चाहत की हक में आई बेवफाई है
कोई भरम था ना शिक्वे गिले थे
खौब खयाल अपने ऐसे मिले थे
हो जरासी झलक को जो बेताब थे रहते
करके निगाहे नीची पास से है गुजरते
पास से है गुजरते रोठी मुस्ताने लब से
यूमा यूम सी चाई है जाले के मेरी मानेगी
जाले के मेरी मानेगी
जाले के मेरी मानेगी
लगता ये दर्द जुदाई है लगता ये दर्द जुदाई है
मां भी थी दुआएं चाहत की हत में आई बिवफाई है