काहे हुड़ भूड में करा के लईलो साधीये
ताजा ताजा रोहे वो भी हाथ के में होधीये
तु भूला गैला माढँ के बौचानी ये राजाई
जैसे मौच्छारी तण्ढों पे भी नापा नीया राजाय
पूलों पा तड़ा पे मर जाओनी या रजे
इसे मुझ हारी तड़ा पे भीन पणी या रजे
पूलों पा तड़ा पे मर जाओनी या रजे
पाके भोले साधन हजर बाद ताहरा बिनहाई रजा सभे वेकार बाद
चूड़ी का नाना करता हो
बसो रे फिया
नाही सुखो पाठे उखी हसे ओ रे फिया
कब ले रहा पया गोरी रजा धनी या रजा
पूलों पा तड़ा पे मर जाओनी या रजे
अखिया के धिन हमर ले गईला चेन के रागोता की होग सराद भासवतेन के
काओ तो
संताहर पनही बिसवास होला हो जब सोचे तमना नहां उदस होला हो
जिसे मुझ हरी तड़ा पे धीना पनी या रजा
वो इसे पूलों पा तड़ा पे मर जाओनी या रजा