आखों में सपने हैं सवालों का समान
दिल के अर्मां ले आए हम जुबान
रातों में जागे हैं चांदनी के निशान
तेरे बिना दूरा ये दिल का अर्मां
सांसों में खुश्बू तेरी ले आई बाहर
दिल के सफर में तेरे प्यार दाहर ज़िवार
बातों में किलते हैं लाखों ये रंग हजार
दिरे बिना जीना है जैसे बिन सारा
मान मेरा सुन ले तू
तेरे बिना क्या मैं करूँ
मान मेरा मान ले तू
तेरी आदों में ही जीह
जुपके से आए तू सपनों की जिल में
धरकन भी कहने लगी तू है मेरे दिल
रात भर बैठ गए हम यादों की मिल मिल
तेरे बिना जीवन है जैसे एक सिलसे लाखिल मिल
मित्ती की खुश्बू में है तेरी बाते
बरसे जो बादल तो याद आए राते
मन्जर ये प्यारा तुझ से ही सजा है
दिर की हर एक धरकन बस तुझ में बसा है
मान मेरा सुन ले तू तेरे दिना क्या मैं करूँ
मान मेरा अजर तू तेरी आदों भे जी रूँ
तेरी आदों
यादों में ही भी भूँ