बहे पमन पुरवय्या हो
आवतारी मय्या
परेला स्वागत मायी के जो तलबा पुरा गया
बहे पमन पुरवय्या हो आवतारी मय्या
दोलिया सिमाई के उतार भी हो
जोड़े जोड़े नरियाले गलसा चुनारी माँगाईब
दिन्दिया सइया हो गंगाजी के पोनिया से पौवना
पखार भी हो दोलिया सिमाई के उतार भी हो
दोलिया सिमाई के उतार भी हो
तस चिला से खर्छोलुहा लगाद तस सिया सिया हो
ये तुके साथे मन्तर हमा हुँ चार भी
दोलिया सिमाई के उतार भी हो
नारी माँगाईब दिन्दिया से
पौवना पखार भाई जीकी मा मा फ़वultyमायवाण
दोरिया चनालियाके जाके हम जाराभी