माई रे तोर प्यागा
याद आविला
बाबुजी के दुला
याद आविला
घोर छोड़के आईनी हमका
माई
पर्देश मे
दिन रात रोई,
रोई
पगले के भेश मे
सोची नैना धाराविला
माई रे तोर प्यागा याद आविला
बाबुजी के दुला
याद आविला
अचरा के छाऊं मे भैनी
तोरे से आन रे
आविला रोई जब जब आवि तोर ध्यान रे
निकना ही लागे तनीको खाना
कैम्टीन के
रोहता
नीको सहु आँगु
रिपतीन गीन के
गोर आईती
साध लागेला
माई रे तोर प्यागा
याद आविला
बाबुजी के दुला याद आविला
हाई रे मजबोरी
मजबोर का इतिहालास
गोर परिवार से इतना दुर काई दिहालास
तनीको जादी होई जाला दुख थावा बिमारी
मिलेना दवाई ओ राजु
बाहरे लच्छा
आपको प्यागा याद आविला