जई! हम थारे!
जई! चक्तहंते!
सुन नवर राधर के आयिल माहिनावा
जय मताधे बोली बोली बहता पवाश।
हा सुन नवर राधर के pregnant king
जय मताधे बोली बोली बहता पवाश।
जाएब हम हो सजिया माइके दूबरीया
करबबरतिया पहिर के
नया नाहया साडिया करबबरतिया पहिर के
आजूए तू कर खरी दरिया जाह के पाजरिया
चाहि कल सहनरीयरवा ललकी चूनारीया
पर बरतिया पहिर के नया नया सडिया
बाजाता ढोलनगाडा भगते मैं नाचाता मन
लागलता सहरा के मेला जल दे कराता दर्सन
लेला तू छुट्ती सवरीया मत जानो करीया
करब बरतिया पहिर के नया नया सडिया
हरे मौरे ले मिल कहता ना ननदे गोधीनीया हो
सासु अमा कोहे ली
हम के बाजीनीया हो
भर दी है गोध मैरीया
गुझी के लुकरीया
करब बरतिया पहिर के नया नया सडिया