बोले बोले से रावाली मैया की
ये जे फिलिप सर्मा
बोला बोला तारा चकी मैया की
गोपाल बैंजी
पैना आईल बादा साहरा के मेला
हम रोह अबना घर में अकेला
हो गई नित तयार चल अब माई दरावार
चलके दर्सन करा दिना जी
लक्हिमपुर के मेला दिखा दिना जी
बूलड से हमके घुमा दिना जी
सितापुर के मेला दिखा दीना जी, गूलट से हमके घुमा दीना जी
बोहरा तोरा चदब आँखे
दुर्गा भावानी से मंग बलाला नवा, उनके पूजा में लगाईग हमामानावा
सतिके दिन अख खोलिये मातारी, सिया जी चाली पे खारब चराँ नवा
दुर्गा भावानी से मांग बिला लनावा उनके पूजा में लगाईब हमा मनावा
सत्र के दिन आखे खोली है मातारी उनके हाँ मुबा खार बिचे रनावा
भूंग खलबानी नवा रात्र हम अर्मानी जी बात किनके चुनरी ले आदी ना जी
मितवली के मेला दिखा दिना जी बुलट से हमके गुमा दिना जी
निमचेनी के मेला दिखा दिना जी बुलट से हमके गुमा दिना जी
बोरे जी बेलिपीकरमा जी
दिहे आसिस माहिवावे विस्वास हो आटो पहार रहब मैया के पास हो
राहुल रसीक दिल से मांद पैवा जिन्द के दुख हो जाए सब नास हो
दिहे आसिस माहिवावे विस्वास हो आटो पहार रहब मैया के पास हो
राहुल रसीक दिल से मांद पैवा जिन्द के दुख हो जाए सब नास हो
कोमल प्रेमी के गाना नावा दिन है बाजाना उना हूं के बोला दिना जी
निम्चेनी के मेला दिखा दिना जी बूलट से हमके घुमा दिना जी