मा तिरे प्यार का भगवं से अदा क्या होगातुझो नाराज गोतुझो नाराज गो पुश घंसे खुदा क्या होगामा तिरे प्यार का भगवं से अदा क्या होगातुने आउलाद पे क्या कुछ नहीं कुर्बान कियाअपनी नीदे हमें दी अपना वो सुख चैने दियालोग करते थे अगर तुझी से शिकायत मेरीजान पर खेल के करती थी गिपाजत मेरीजब कोई मुझे को सताए तो बिगड जाती थीमेरी खातिर कभी जगडे पे उतर जाती थीमेरी सांसों में तो मौझूद हैं पुशबू वन करमेरी रातों में चमकती हैं तुझ भुनू वन करतेरा दिल तोड़ केमाँतेरा दिल तोड़ के बेटों का बला क्या होगामा तेरे प्यार का लगवं से यदा क्या होगामा तेरे प्यार का लगवं से यदा क्या होगायाद आती हैं अभी तक मुझे बाते तेरीमेरे रोने से चलक जाती थी आँके तेरीतु मुझे रोता हुआ देख ते रो देती थीअपना सुख चैन मेरे वास्ते को देती थीफिर दुआएं मुझे देदे मैं समर जाऊँगातु यूभी रूठी रहेगी तो मैं मर जाऊँगाहोगा एहसान गले बढ़ के लगाले मुझे कोअब मेरी माता बड़ी जन्नत में चुपाले मुझे कोयही एक राश्टायही एक राश्टा और इश्वे सिवाँ क्या होगामा तेरे प्यार का घट हमसे अदा क्या होगातेरी अजमत को किया बढ़ के फरीश्टों ने तवावऔर कदम मैंने उठाएं तेरी मरजी के खिलावकितना बदबखत हूँ फर्मान खुदा भूले गयामैं ज़वा होते ही एहशान तेरा भूले गयाजानता हूँ के खताकार गुनाहगार हूँ मैंतू खफा है तो मुसीबत में गिरेवतार हूँ मैंमाफ़ कर दे मुझे फिर बढ़ के सहारा दे देमा मेरी डूबती कश्टी को किनारा दे देवना मुझे जैसामावना मुझे जैसा गुनाहगार को भी क्या होगामा तेरे प्यार का घट हमसे यदा क्या होगालोग औरों के लिए मा को बुला देते हैंउसके जजबात को सूली पे चढ़ा देते हैंबुढे मा बाप के जो काम नहीं आएगाअबनी आउलाद से तो इसका सिला पाएगाये अगर बिछडे तो फिर हात कहां आएंगेरह्मतों के लिए सौगात कहां पाएंगेहाँ अभी वक्त है मा बाप की सिद्मत कर लोअपने कियां लोट लो और पुशियों से दामन बर लोजाएगा बस वोगीमाँजाएगा बस वोगी जननत में भी जो मा का होगामा तेरे प्यार का घट हम से अदा क्या होगामा तेरे प्यार का घट हम से अदा क्या होगावस्तां आदम हवा का तुझे देता हूँवस्तां शागे मदीना का तुझे देता हूँवस्तां देता हूं हैदर की सुजाहत का तुझेवस्ताः फात्मा जहरा की इबादत का तुझेतुझो खुश होगी तो खुश होगे हुसेन और हसनवना वीरान रहेगा मेरे जीवन का चमनए मेरी मा तु मेरा दूद न बखशेगी अगरआग तो जख की जलाएगी मुझे रह रह करबाद मरने के बाद मरने के दरा सोच मेरा क्या होगामा तिरे प्यार का घक हमसे अदा क्या होगामा का दिल तूटे तो आवाज खुदा तक पहुचेये जो रोए तो फरिश्टों को भी रोना आएमा के दुख दर्द को बेटा न अगर समझेगाउसको जननत में खुदा भी नहीं जाने देगामेरे आका नहीं देगे उसे जामे कौसररात दिन बरसेगी हुलाव की लानत उस परचागे हाफिज के हो हाजी या नमाजी आलिमऐसे बेटों से खुदा कैसे हो रादि आलमजो बलाई न करेजो बलाई न करेगा तो बला क्या होगामा तेरे प्यार काघ़ हुमसे अदा क्या होगामा तेरे प्यार काघ़ हुमसे अदा क्या होगामा तेरे प्यार काघ़ हुमसे अदा क्या होगामिरी मा