जैति जैस्कन्द माता
ओम् जैति जैस्कन्द माता
भाप्ति शक्ति प्रदायनि
सबसुख की दाता
ओम् जैति जैस्कन्द माता
कार्ति के की हो माता
श्रण्भो की श्रण्भो
मैया श्रण्भो की श्रण्भो
भाप्ति जनों को मैया
मेना निजभक्ति
ओम् जैति जैस्कन्द माता
चार्णा प्रदायनि
श्रण्भो जाति सोहे ग्रोधी मेलि सन्द
मैया गोधी मेलि सन्द
गया करो जग जननी
बालक हम मतिमन्द
ओम् जैति जैस्कन्द माता
शुब्रवण अतिपावन सबका मन मोहे
वैया सबका मन मोहे
होता प्रियेमा तुझे को
होता प्रियेमा तुझे को
जो पूजे तोहे
ओम् जैति जैस्कन्द माता
ओम् जैस्कन्द माता
श्राह सदा ब्रह्माणि
राधा रुद्राणि
मैया राधा रुद्राणि
लक्ष्मिशार दिखाली
लक्ष्मिशार दिखाली
ॐ जयति जस्कन्द माता
काम क्रोध मद मैया जद जननी हरना
विषय विकारी तन मन को पावन करना
ओम जयति जस्कन्द माता
नब दुर्गान
विपंचम मैया सरूप तेरा
मेरी मैया सरूप तेरा
आच्छवे नवरात्रे को
होता पुझन तेरा
ओम जयति जस्कन्द माता
तू शिवधाम निवासिने महाविलासिने तू
मैया महाविलासिने तू
तू शमशान मिहारिने तांडबलासिने तू
ओम जयति जस्कन्द माता
हम अतिवीन दुखीमों कष्टोने घेले, वै अकष्टोने घेले, अपना जान दया कर,
अपना जान दया कर, मालक है तेरे, ओम्जयति जैसन माता,
गंद माता जी की आरति, जो कोई गावे,
मैया जो कोई गावे,
कहते शिवानंद स्वामी, कहते शिवानंद स्वामी,
मन माचित फल पाले,
ओम्जयति जैसन माता,
गंद माता जी की आरति, जैसन माता,
अपना जान दया कर, मालक है तेरे, जो कोई गावे,
ओम्जयति जैसन माता,
वाक्ति शक्ति प्रदायनि सबसुख की दाता। ओम् जयति जैसंग्यमाता।
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