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Bài hát maa kaalratri ki katha do ca sĩ Rakesh Kala thuộc thể loại The Loai Khac. Tìm loi bai hat maa kaalratri ki katha - Rakesh Kala ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Maa Kaalratri Ki Katha chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
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Lời bài hát: Maa Kaalratri Ki Katha

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

हम सब दमरूपम काल रात की कथा सुनाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
काल रात मईया का विर्तान्त बताते हैं
मैं जो ख़रण करें कहें
रक्त बीज का कैसे हुआ था अंत दिखाते हैं
उसका अंत दिखाते हैं
असुरनाशनी काल रात की महिमा गाते हैं
मैं अकथा सुनाते हैं
जै, जै, काल रात्ति मां
नवरातोंता दिन है साथमा काल
रात्रि के नाम
काल रात्रि मईया के पूजन से है बनते काम
काल रात्रि मां के भगतोंतों मिले जीत ही जीत
खाभगतों शाम वरन है रूप मुखमंडल पर सूर्य की आभ लगता रूप अनूब
काल रूप उजवल है नैन वव्य रूप विकराल
हात में थामे खंडा खपर लगती बड़ी विशाल
काओ जप नहीं मुखमिले नदियान से काल राथिका वर्णन गाते है पावन वर्णन
जै जै जै काली वाँ
जै जै काली वाँ
जन्मा एक महा उत्पाति
रक्त बीज शैतान
अपने बल और शक्ती पे था
उसे बड़ा अभिमान रक्त बीज का वद कर पाना नहीं था भगत ओसान
मिला हुआ था रक्त बीज को कुछ ऐसा वरदान
उसके रक्त के गूंद अगर धर्ती पे घिर जाती
नई चवी रक्त बीज की भगतों फिरすे बन जाती
रक्त बीज का रक्त निकल के धर्राः पे जब गीर ता
एक नया फिर रक्त बीज है बगतों है वहां बनता
के से बतलाते है mikhai is
काल रातरी मय्याआख़ palraatri mayyyaakhach
विरतांत गी सुनाते हैsenardSaie
हम गाथा गाते है hum khatha gyaath sonnow
जे जे काल राथ्ती मा जैजै जैजइ काली मा
जर्जे का जिन जर्जे का राते नहीं है
सहमे सहमे देव सबी आये शंकर के पाँ
आत जोड़के करते हैं शिव भोले से अरदास
एशिव शंकर हे त्रिपुरारी बचा लीजी एप्रान
पीछे पड़ा हम देबों के हैं रक्त बीज शैतान
शर्ण आपकी हम आए हैं एशिव भोले नाद
सर पे हमारे रख दो शंकर तानी दया का हाथ
सब देबों का हाल देखके भोले मुस्काते हैं
रक्त बीज से मुक्ति मिलेगी देव बंध बाते हैं
आगई सबके चहरे पर मुस्कान दिखाते हैं पावन कतह सुणाते हैं
काल राति मय्या का विरांत बताते हैं हम गाता गाते हैं
जै जै कान रात्री मां
जै जै जै काली मां
शिवशंकर जी पारबति से करते हैं अनुरोद
सिवा आप के और किसी में नहीं है इतना बोद
तुम को करना है हे देवि रक्त बीज का अंत
स्वर्ग लोक में सभी देवता प्याकुल है अत्यंत।
आख मूद कर फिर देवी ने किये शक्ती का घ्यान।
छड़क देर में गायब हो गई छेहरे की मुस्कान।
काल रातरी उतपन हो गई ये बतलाते हैं।
बघतों ये बतलाते हैं।
काल रातरी मईयका विरहतांत सुनाते हैं।
हम गाता गाते हैं।
जईज़्यاع काल
रातरी मास्।
जयाजौजय़ झें कालीमा।
जयाजय़ झें कालीमा।
शामल तन लट स्याह सी काली धरा रूप विकराल
काल रातरी बन जाती है रक्त बीज का काल
रडचन भी बन चली है माता रक्त बीज की और
बादल गरजे विजली चमकी करे आंधिया शोर
अंबर हिला धरा धराई मच गया हाहा कार
मार मार किलकारी दैत को माता रही ललकार
उआ सामना रक्त बीज से भगतों सुनो जिस पल
सत्य है ये ब्रह्मान्ड में सारे होने लगी हल चल
यूद्ध भिलक्षन छिड़ गया भगतों बतलाते हैं
ये तो सत्य बताते हैं
काल रातरी मैंया का वेर्तांत सुनाते हैं
हम गाथा गाते हैं
जय जय काल
रातरी मां
जय जय काल रातरी मां
रक्त बीज की हुआ था लहूलुहान
करने लगी जिवहा से मैंया उसके रक्त का पान
रक्त बीज का रक्त पी गई काल रातरी मां
एक बूंद भी रक्त नहीं गिरने दी माने वहाँ
रक्त पिशाचिन बन गई माता रक्त से हो गई
लाल आ गया तीनों लोकों में जैसे बहुत बड़ा भूचाल
रक्त प्यासी बन गई माता अब कौन बुजाए
प्यास तब देवोंने मिलक करीती मैया की अरदास
आगे की क्या कता है पावं वो बतलाते हैं,
भगतों वो बतलाते हैं।
काल रातरी मैया का विर्त� Selfless,
we recite mother's last words
जै-जै काल रात्री मां Jai-Jai Kaal Raatri maan
जै जै जै काली वा
जै जै काली वा
जै जै काली वा
प्रोध शांत हो कैसे माता चिन्ता रही सताए
शिवशंकर के पास में भगतो आये
सारी बात बताई शिवको आप ही करो उपाई
कुछ तो करो आप ही उनका प्रोध शांत हो जाए
शिवशंकर जी तूरत वहां से उठ कर जाते हैं
माता के रस्ते में आके लेट वो जाते हैं
पवन वेग से चल रही माता ओ कर के मद होश्ट
शिवकी छाथी पे पाओ पढ़ गया आया उनको होश्ट
हाथ जोड सुक देव मैया को शीश नवाते हैं
काल रातरी मैया का विर्तांत बताते हैं हम कथा सुनाते हैं
जै जै काल रात्री माँ जै जै जै काली माँ

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