अर्भी-अर्फू-नर-जою ऊरी-इसि वास्तृ-उरे-सच-कु-सी उरे-ऎसि ड़िगल-और-गुनल-दुऽ!
हरी जमन का ने ढो है हरी बूळ से वजिक के गम..
..द encourages ने.
यूटी-ईसि और हरी झृमीों,
भै जैली-खबीली-ओली!
केंदी ये जबानी अक्रराली..
..मिंटे गोली, रंग रंगी-ओली!
रंगी रङ्गी-ओली!
भै जैली-खबीली-ओली!
मैं सबके तेरे सोनिया, तेरे नाँ तुझिन्द कुर्बान!
मैं दादी का देवदा!
मैं दादी का देवदा, तेरे मुझा मेरी शाम!
मैं सबके तेरे सोनिया, तेरे नाँ तुझिन्द कुर्बान!
मैं दादी का देवदा, तेरे मुझा मेरी शाम!
जार न जार जात कुछ आता, ये दिली कनियारी!
मंदे में जब आया, कोई शैनी लगती ब्यारी!
दनिया पीके बोड़ने, तो तेरा धर्मी भान!
तर तेरे सोनिया, तेरे नाँ तुझिन्द कुर्बान!
मैं सबके तेरे सोनिया!
दनिया जब अनियारी, रंगी के डोली, रंग रंगी कोली!
रंग रंगी कोली, टैलेंट के डोली!
बासी सब रंग दे सकते हैं, त्यार दा रंग वल्ला!
देने बास दे सुनिया, मैंने तू दितना एक अल्ला!
सजना तेरे प्यार को, मैं बातुल कहां!
सबके तेरे सोनिया, यहाँ जिन्द कुर्बान!
मैं सबके तेरे सोनिया!
सबके तेरे सोनिया, यहाँ जिन्द कुर्बान!
सबके तेरे सोनिया, यहाँ जिन्द कुर्बान!
दुन के दानों एक दूझे, तो मौत छुड़ा नहीं सकती!
मौत छुड़ा नहीं सकती!
अच्छा भी जा चुड़ा नहीं गिता चे!
पूरो वे साम पुछा!