थोड़ा रेशम लगता है थोड़ा सीशा लगता है कलियों का चमल तक बनता है
थोड़ा रेशम लगता है थोड़ा सीशा लगता है दीवी बोती लड़के है थोड़ा सोना लगता है
ऐसा बोरा बदल तब मन वर्णाले
आलू जालू दूरी हमों मालू
कबु कोते हालू कबु कोते बालू
कुछ नहीं बतालू अब नहीं पसालू
लेका बर सुनू अब तो काई कालू
कडियाली बुस्टी कवर्या है काजल
वही तुरिया बना दी सुपागल
पूरू तुम्हार काई हो गये है पैदल
मैं काई कनू पाई केला दे दो का मेडल
दिल को प्यार का रोग लगाके
जखुम बनाने पड़ने दे