मिज़ बाई अंकट आही
कैसे तू बादा लगेनी
छवडी पियावा के प्यार में पिघा लगेनी
हमरा रहते जिन्दा कैसे तू बादा लगेनी
मानानही नई बात गे करके विशवा घात
तू चल गेनी सासुरा बाके और
तू रह में खुसी खुसी पियावा के जोर लाभार कैसे रहता उतोर
मुरा में खुसी खुसी यवा के जोर
तोरा दिलाबा में हलो से यतानी
हमरा जोर कहे कैले
बेया मानी
की हमरा तू बाता के जाईते
जाएँ जाएँ मान गे दील जाएँ कान गे ले सासुरा तू कहे ले पूरा सोर
तू रह में खुसी खुसी पियावा के जोर लाभार कैसे रहता उतोर
तू रह में खुसी खुसी पियावा के जोर लाभार कैसे रहता उतोर
मरा जीना गी के साथ कैले खेला
अब इक ख़तम नहो तो जामेला
गे छवड़ी
तोरो साथ खेला बाव
गे हम हुँ तोरो साथ खेला बाव
मूके सरंजन जोरे गे लाही सासुरा बाव पर यादिप के काहे देनी छोड़
तू रहमी खुसी खुसी पियावा के जोर लाभार कैसे रहता उतोर