सक्खीर समझ्याके
समझ्याके
समझ्याके
अंजले बिकाडिंग स्टूरियो भाववा
मन्यु भईल मदोहोसनाही बाते हमर दोस्वाउमदियाके
अरे सक्ही मन्यो भयल मदो होसना ही बाते हमार दोस्वाउमर्याके
घोटे रात दिन लभोके रोज,
दयारे रोजे रोज,
सक्हीरे समर्याके
अँग्ज़ान करूछाएश रोज,
दयारे रोजे रोज, दयारे रोजे रोज,
यितानी रहुके नि अनस्ताल रहे,
सियासा जही सिजबड टाल रहे,
अमारेक मुसकान लागे दुनिया जहान,
खाली बाई ठीके निर्खे बाडे यैसान हमार जान,
कबो करे ना कोले स्रक्खतारे हरमे सी न जरियामे,
घटे रात दिन लभुके डोज,
दयारे रोजे रोज,
सक्खीर समरियाके,
घटे रात दिन लभुके डोज,
दयारे रोजे रोज,
सक्खीर समरियाके,
हो जायो जलता हमरा के मिस करे हो,
पके मौका धाके हमरा किस करे हो,
कैसे कहीर विराज लगता ते हमरा लाद,
उनका ते खिसु घराई हमर भी गडे मिजद,
सइया भी सुझी विकास, कबो करे ना निराती उमरियामे,
गटी रात दिन लभुके डोज,
दयारे रोजे रोज,
सक्खीर समरियाके,
गजलू ए सक्खीर
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