सुननी हसा दीता एहे वाईली तुहार।हमारा बारे में ना कोई लूबि चार हो।सुननी हसा दीता एह वाईली तुहार हो,हमारा बारे में ना कोई लूबि चार हो,गोरी हुँ अखेल हमसे कहा होई।लो रवे से उखिया के काज़ा दोई,सुसुकी सुसुकी रोई।लो रवे से उखिया के काज़ा दोई,सुसुकी सुसुकी रोई।लो रवे से उखिया के काज़ा दोई,सुसुकी सुसुकी रोई।कोई से बीसा राइगो जानो,तुहारा के देल से,लोडत यो केले बाने,हारा मो सकेल से,छोड़ी हमरा के तु चाली जड़ी,मोरा जिनगी में आगिया लगोई,सपना में रोजे तुहे केटोई,लो रवे से आँखिया के काज़ा दोई,सुसुकी सुसुकी रोई।लो रवे से आँखिया के काज़ा दोई,सुसुकी सुसुकी रोई।कवा हूं भुला ना पाई, सोनु सर गहूं हो,देखो बो सुरुतिया ना तो मरी जाएब हूं हो,काल हे दुबारा पायाई बारात हो,तो तर चल जाएब मानोज के साथे,जाएब तुझीनगी में आगिया लगोई,लो रवे से आँखिया के काज़ा दोई,सो सोखी, सो सोखी रोई,लो रवे से आँखिया के काज़ा दोई,सो सोखी, सो सोखी रोई,