किसके चल्वे
की जहलक गर ये पुछाना क्या है?
खराद दी दी थाये खराद
ससा सक्खेता है
खराद क्या है?
खराद क्या है?
खुराद दी दे गेना
खुराद दी दे गेना
खुराद दी दे गेना
खुराद दी दे गेना
खुराद दी दे गेना
खुराद दी दे गेना
खुराद दी दे गेना
क्या है?
जाहिद को अगर नाँ से इबादत है बजा है
पले में हमारे भी
मुहम्मद की सना है
जाहिद उनका मैं गुनादाद वो मेरे
शाप है
इतनी निसबल मुझे क्या कम गया है तुछ समझा क्या है
इतनी निसबल मुझे क्या कम गया है तुछ समझा क्या है
ए बेबसी जो मुझे पुर सिशे आमान के वक्त
दोस्तों क्या रहो उस वक्त तमना क्या है?
काश करियां मेरी सुनके ये फर्माएं हुदूर
कोई देखो ये क्या शौर गह है?
गह गह क्या है?
कोन आवट अदाग है?
गह
सद्मा क्या है?
इसकी बेचि विली से
खातिर अकदसी तैमना
बेकसी कैसी है?
पुछो कोई गुजरा क्या है?
पुछो कोई
अरे देखो कोई
गुजरा क्या है?
मलाई करें मगरूद के एक मुझ्रिज है
उस से पुर सिश है बताओ
तूने किया क्या क्या है?
सामवां खेर का है
तफ़तर आमान में पेश हो दर रहा है कि खुदा भुकम सुनाता क्या?
आप से करता गए फरियाद किया गई शागे रूसलूल बनता भे एक अस्गेशगार है?
रह्म में वक्फा क्या है?
अब कोई तम में गिर पारे पला होता हूँ
आप आ जाएं तो क्या खौफ है?
खट का क्या है?
तो सुनके ये अरज मेरी बहर करम करम
जोश में आएं
यू मनाई को इरशाद ठहरना क्या है?
इसको तुम मोरी दिया बात किया चाहते हो
हम भी दूआ के जरा देखें तमाशा क्या?
तो उनकी आवाज पे करो ठूट में बेसाख पशोर
मुझे परवाँ क्या है?
तो तुम भी बहर करते हैं जो जब ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर
ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर
ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर ज़िन्दा पर ज़िन्दा
जुल्म खुलते जाएगे और वो छुपाते जाएगे
जुल्म खुलते जाएगे और वो छुपाते जाएगे
जुल्म खुलते जाएगे और वो छुपाते जाएगे
दो वो आए हाई मुश्कुराएगे
हम मसीणों की दारब अब फिर बन इसी आपे वो
पिछली की राते जाएगे दो वो आया थेरा कहाँजी
हर मजर का पुठेगी
मेहशल के दिन
खौफ से हर कल जाएगा
ये नाज
उनके बनदे का देखें
अब थाम कर उनका तामन बचल जाएगा दो वो आया
देरा खामी लोगो आया
जाएगी तने बे जाएगे ये आना क्या है फिर मुझे तामन
अकडस में चुफा है
सर्वने और बनाए हटो
इसने तकाजा क्या है
बनदा आजाद शुदा है ये हमारे दल का कैसा लेके हो
हरधा-रभında
यानी महबूबों भिब में नहीं मेरा तेरा
हुक्वे बाला की नतामीन हो
जोहरा क्या है
तो ये सामान देख के नहशर में उठे
शोर के बाद चशने पर दूर गुख क्या शाम रुतबा
पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद
पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद
प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद
प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद
प्रभाद पर
प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद
प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद पर प्रभाद