ब्रम्हा मुरारी सुरार्चित लिंगम् निर्मले भासित शोवित लिंगम् जन्मज दूख विनाशक लिंगम्
तत्प्रड्मामी सदाशिव लिंगम्
देवु मुझी प्रवरार्चित लिंगम् कामु दहने करुडा करु लिंगम् रावडि दर्प विनाशन लिंगम्
तत्प्रड्मामी सदाशिव लिंगम्
सर्वसुगन्ध सुलेपित्तुलिंगं बुद्धिविवर्धनेकारणलिंगं सिद्देसुरासुर्वन्दित्तुलिंगं
तत्प्रणेमामी सदाशीवलिंगं
कनक्महामणि भूसित्लिंगं भडिपतिवेष्टित्शोभित्लिंगं
दक्षेसुयग्यनिनाशनिलिंगं
तत्प्रणेमामी सदाशीवलिंगं
प्रद्मामी सदाशिवलिंगम।
कुम्कुम् चन्दनलेपितिलिंगम। पंकजिहार। सूषोभितिलिंगम। संचित्पापुविनाशनिलिंगम।
तत्प्रद्मामी सदाशिवलिंगम। दीवगणार्चित्सेवितिलिंगम। भावर्भक्ति भिरेवचलिंगम। दिनकर कोटी प्रभाकरिलिंगम।
तत्प्रद् ममी सदाशिवलिंगम।
अष्टिदलोपरिवेष्टितुलिंगम् सर्बुसमूत्रवकरणुलिंगम् अष्टिदरीद्रुविनाशनुलिंगम्
तत्तिप्रणमामिसदाशिवलिंगम्
सुर्गोडोसुर्वनपोजेतिलिंगम् सुरुवनपोष्प सदार्चेतिलिंगम्
परात्परमपरिमात्मकलिंगम्
तत्तिप्रणमामिसदाशिवलिंगम्
लिंगाश्टक्मिदं पुन्यम्यह पठेश्यु सनिधव् शीवलोकं वापनोति शिवेनु सहमोदते।