एही चैस्ट के महिना में
हाँ
एगो लाइका एगो लाइकी से कहता
हरे का कहता
कि एसुना
हाँ
अरे बड़ी मन करता मिले खती आवा हो
आवे करता आदेती
लेकिन वोही दिन खुटी कराल मैं कि सुवी पराल मैं हम कैसे हैं
हमार मजबूरी बुझो
अरे तहार मजबूरी बुझी हैंने हमरा ज़रूरी पराल मैं ज़वल्दी आवा
लसालसा करन्डावे चैस्ट के महिना मा उकी पिखिले सलेमा छूछ्णता पसिनामा
एसुना है तो बरदास नहीं कहो
हरे बरदास कराया जुआ
लसालसा करन्डावे चैस्ट के महिना मा उकी पिखिले सलेमा
छूछ्णता पसिनामा तो हरे लगावन हो आदत कैसे छूटी
सुनातारे हूँ?
आइबू कि नाइबू?
बहुत मौन परता
मौन करता तो मौन के मना के रखी आज
कैसे मनाई हो?
एहे!
जिया!
ये परिस्याकी इंतिजार करता नहीं है!
इंतिजार के पौल मिठा हो!
होबके बुलाके अपने
रहो गयी लुगहारे
जोईसे जोईसे लेट होका टेंशन है बारी बढ़े
खामान, काहे लेट करता रहे?
हारे काह कहा ही!
अले वही बुछी आज आगी हो?
हारे ना, ना!
ए, सुना!
काहो!
अरे आवाव की दिकत ना होई हो?
ना, ना हम ना है!
अरे सब बेवास्ता लेले बाईओ?
ना, तु असाही फुछुलावेला!
अरे तकिया भिछावना सब लेले बाईओ?
ओहो!
जल्दी आवा, जल्दी!
फुछारोग का उपाय लगावत नहीं!
आवा, आवा!
दम धरा, दम धरा!
सुना!
अब नहीं कर ले खुटी, चादर बिछा दे!
चादर बिछा दे, बहुण, चादर बिछा दे!
यह
मरद भरुसा करा, मिलके बड़ी कुछी होई!
अरे, रोज होता है, यह कौला तो!
अब नहीं कर ले खुटी, चादर बिछा दे!
प्यार कैसे कौल जाला,
राणी हो सिखा दे!
और उननों भी हर किरीन, कुरवे में फूटी!
पुन, पुन के वादा पाओ!
मिले चली आब आफि छूती,
तबे एक जवानिया के बूती!
अरे, आप देखने का लिए!
ना, मन बता आब तन्दान!