लासा लगा के भसाय लिया रे छिनरी समधिनिया
दुआरे पे मेला लगाय लिया रे छिनरी समधिनिया
लासा लगा के भसाय लिया रे छिनरी समधिनिया
समधिन के आपन पुजारी बनैलू कितनन के आपन घिकारी बनैलू
भाला गनासा चलाय लिया रे छिनरी समधिनिया
लासा लगा के भसाय लिया रे छिनरी समधिनिया
आईली दुवरिया पर जब इन करतन के सुगना दिखा के ये लूटेली मन के
दाना दिखाए लुभाय लिया रे छिनरी समधिनिया
मौगा नऊवा छिनरी नवुनिया
दुवरे पर नाचे बन के नचनिया यारन के सब रस छूस लिया रे छिनरी समधिनिया
लासा लगा के फसाए लिया रे छिनरी समधिनिया